दुर्घटना किसी के साथ भी, किसी भी वक्त हो सकती है। सड़क, घर, काम पर या सार्वजनिक जगहों पर—हादसा होने पर सही कदम और त्वरित जानकारी ही जीता या बचाता है। इस पेज पर आपको दुर्घटनाओं से जुड़ी ताज़ा खबरें मिलेंगी साथ ही practical बचाव और सुरक्षा टिप्स जो फौरन काम आएँगे।
पहला काम: शांत रहें और जोखिम वाली जगह से खुद को सुरक्षित जगह पर ले जाएँ। वाहन की टक्कर में अगर धुआँ या आग दिखे तो तुरंत दूरी बनाएं। घायल व्यक्ति अगर सांस ले रहा है और खून बह रहा है तो पहले 112 पर कॉल करें—यह भारत में आपातकालीन नंबर है।
दूसरा काम: सीसीटीवी या मोबाइल से घटना की फोटो-वीडियो लें, मगर इसे करते वक्त अपनी और दूसरों की सुरक्षा प्राथमिकता बनाएं। ये रिकॉर्ड बाद में रिपोर्ट और बीमा दावा में काम आते हैं।
तीसरा काम: मौके पर मौजूद लोगों से मदद माँगें—पहला मदद करने वाला अक्सर सबसे जरूरी होता है। अगर आप बेसिक फर्स्ट ऐड जानते हैं तो घाव पर दबाव रखें, अनावश्यक मूव न करें जब तक चोट गंभीर न दिखे।
सड़क पर: सीट बेल्ट और हेलमेट पहनें—ये छोटे कदम अक्सर जान बचाते हैं। तेज़ ड्राइविंग, ओवरटेकिंग और मोबाइल चलाते हुए ड्राइविंग से बचें। रात में रिफ्लेक्टिव कपड़े और वाहन की लाईट्स सही रखें।
घर पर: केबिनेट, सीढ़ी और केमिकल स्टोरेज सुरक्षित रखें। बच्चों के खेल-क्षेत्र से तेज वस्तुएँ हटाएँ। बिजली के सॉकेट पर सुरक्षा कवर लगाएँ।
सार्वजनिक जगह पर: अस्थिर सीढ़ियों, खुले विद्युत तार या गहरे गड्ढों से दूरी बनाएं। भीड़ वाले इलाकों में अपने बच्चों या बुज़ुर्गों का ध्यान रखें—पहचान के इंतज़ाम पहले से कर लें।
बीमा और कानूनी कदम: दुर्घटना के तुरंत बाद रिपोर्ट दर्ज कराना और मेडिकल रिपोर्ट सुरक्षित रखना जरूरी है। बीमा दावे के लिए अस्पताल की रसीदें, फोटो-वीडियो और पुलिस रिपोर्ट काम आएँगे।
कहानी क्यों पढ़ें? दुर्घटनाओं की खबरें सिर्फ घटनाएँ नहीं बतातीं—वो हमें दिखाती हैं कि कौन-से नियम नाकाफी थे, किस तरह की सावधानी बचा सकती थी और किस क्षेत्र में इमरजेंसी सेवाओं में सुधार चाहिए। इसी कारण खबरें पढ़कर आप अपनी रोज़मर्रा की सुरक्षा बेहतर बना सकते हैं।
अगर आप यहाँ किसी खास हादसे की तफ़सील ढूँढ रहे हैं तो नीचे की खबरें पढ़ें—रिपोर्ट्स सीधे घटनास्थल की जानकारी, गवाहों के बयान और अधिकारियों के बयान पर आधारित हैं। सुरक्षित रहें, सतर्क रहें और छोटी-छोटी आदतें बदलकर बड़े हादसों से बचें।
भारत विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में शीर्ष पर है क्योंकि यहां पर सड़कों पर सवारी के आवेदन का अधिकांश था। भारत में सड़कों पर हमेशा व्यवसायिक और शांतिपूर्ण रूप से सवारी के आवेदन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, सड़कों पर बढ़ती यातायात की आवश्यकता भी है, जो दुर्घटनाओं की वजह से वृद्धि होती है।
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