क्या आप भी न्यायपालिका की खबरें, फैसलों की वजहें और जजों के चयन के तरीके समझना चाहते हैं? यह पेज उन लोगों के लिए है जो सीधे और साफ शब्दों में भारत की अदालत‑व्यवस्था जानना चाहते हैं। यहां रोज़मर्रा की कानूनी खबरें, सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाईयों का सार और व्यावहारिक सलाह मिलती है।
हमारा मकसद सिर्फ खबर देना नहीं है — हम फैसलों की वजहों को आसान भाषा में बताते हैं ताकि वकील, छात्र और आम पाठक सीधे असर समझ सकें। हर आर्टिकल में आप पाएंगे मुख्य बिंदु, फैसले का प्रभाव और अगले कदम क्या हो सकते हैं।
इस श्रेणी में आप पाएंगे: ताज़ा सुनवाई रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अहम फैसलों का सार, जजों के चयन का विश्लेषण और कानूनी नीतियों पर चर्चा। उदाहरण के लिए हमारी एक पोस्ट बताती है कि सुप्रीम कोर्ट में किस तरह से राय प्रस्तुत करने वाले अधिकारी चुने जाते हैं और किन मानदंडों पर ये निर्भर करते हैं। ऐसे लेख सीधे स्रोतों और अदालत के नियमों पर आधारित होते हैं, पर आसान भाषा में लिखे जाते हैं।
हम केस‑हिसाब, तारीखें और प्रभावित पक्षों को स्पष्ट करते हैं ताकि आप तुरंत समझ सकें कि किस फैसले का आपके काम या समाज पर क्या असर होगा।
न्याय से जुड़ी खबर पढ़ते समय तीन काम करें: पहले — फैसला या खबर का शीर्षक और संदर्भ देखें; दूसरे — फैसले के कारणों का सार पढ़ें; तीसरे — लेख में दिए गए "असर" वाले भाग को देखें। इससे आप समय बचाते हुए तेज़ी से अहम बात पकड़ लेंगे।
यदि आप छात्र हैं, तो हमारी टिप्स पढ़ें: केस के फैक्ट्स अलग रखें, कानून के आर्ग्यूमेंट्स नोट करें और फैसले के तर्कों को छोटे वाक्यों में लिखें। वकील और प्रतियोगी परीक्षार्थी के लिए हम केस‑लॉजिक और प्रमुख कानूनों के संदर्भ भी देते हैं।
हम स्रोतों की पारदर्शिता रखते हैं — जहाँ जरूरी होता है, कोर्ट के आदेश और कानूनी नियमों का हवाला देते हैं। खबरों में अफवाहें नहीं होतीं; सिर्फ वे तथ्य जो अदालत या आधिकारिक दस्तावेजों में दर्ज हैं।
अगर आप रोज़ की अपडेट चाहते हैं तो नोटिफिकेशन चालू रखें और किसी खास केस पर अलर्ट बनवा लें। साइट पर हर लेख के नीचे "मुख्य बिंदु" होते हैं ताकि आप बिना लंबे लेख पढ़े भी समझ सकें कि मुद्दा क्या है और आगे क्या होने की संभावना है।
यह पेज उन लोगों के लिए है जो न्यायपालिका को सिर्फ पढ़ना नहीं, समझना और उस समझ से काम लेना चाहते हैं। पढ़िए, जानिए और सवाल पूछिए — हम आपके लिए जटिल कानूनी बातों को सरल बनाए रखेंगे।
भारत के सुप्रीम कोर्ट में अपनी राय चुनौतीपूर्ण रूप से करने के लिए चयनित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कानून ध्वज के अनुसार आरक्षित अधिकारियों को चयनित किया जाता है। योग्यता के आधार पर चयनित अधिकारियों को राज्य और दुर्भाग्य से आधारित दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। राज्य आधारित वर्ग में, बर्ड के सदस्यों को राज्य के सरकार के द्वारा चयनित किया जाता है, जबकि दुर्भाग्य से आधारित वर्ग में, संयुक्त राज्य अधिकारियों को भारत सरकार द्वारा चयनित किया जाता है।
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