एक्सक्लूसिव…करोड़ों के चिटफंड घोटाले में जेल की हवा खाएंगे आरोपित, पुलिस हुई सक्रिय
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
जिले के सायला उपखंड क्षेत्र में इनामी योजना के नाम पर संचालित चिटफंड कम्पनी में निवेशकर्ताओं से ठगी कर करोड़ों रुपए डकारने वाले आरोपित जल्द ही जेल की सलाखों में होंगे। बहरहाल, इस मामले में पुलिस जांच पूर्ण करने की स्थिति में है। ऐसे में आरोपितों की जल्द ही गिरफ्तारी होने की संभावना है।
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गौरतलब है कि सायला उपखंड क्षेत्र में लॉटरी के नाम पर चिटफंड कम्पनी की ओर से गांवों में रहने वाले लोगों को लालच व लुभावने वादे करके किश्तों के जरिए दो संस्थाओं ने करोड़ों रुपए वसूले। कम्पनी के कर्ताधर्ताओं ने लोगों को 1500 सौ रुपए की छह किश्त के हिसाब से नौ हजार रुपए जमा करवाने पर गारंटेड ईनाम की बात कही। साथ ही ड्रॉ के दौरान ईनाम निकलने पर आगे से कोई किश्त जमा नहीं करवाने का झांसा भी दिया। चिटफंड कम्पनी की ओर से लोगों को लग्जरी गाड़ी, मोटरसाइकिल, सोने की चेन, कूलर, पंखे सहित करीब 6 हजार ईनाम देने का वादा कर एक प्रिंटेड चार्ट भी दिया गया। जिसमें ईनाम की जानकारी थी। सारी किश्तें जमा करवाने के बावजूद कोई ईनाम नहीं मिला तो पीडि़त लोगों ने पैसे वापस मांगे। इस पर ड्रॉ संचालकों ने ग्रामीणों को गुंडों से धमकियां देनी शुरू करवा दी। इस बीच, जिसने में आवाज मुखर की उस पर जानलेवा हमला करवाया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि उन्हें बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही है। इधर, निवेशकर्ताओं ने खुले तौर पर सामने आकर राजनीतिक दबाव से पुलिस कार्रवाई नहीं होने के आरोप भी लगाए थे।
जांच में आई तेजी
चिटफंड मामले में करीब दस करोड़ रुपए के घपले का समाचार सबसे पहले अर्थ न्यूज ने ९ अक्टूबर को प्रकाशित किया था। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच पुलिस उप अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित को सौंपी थी। इसके साथ ही जांच में अचानक तेजी आई। वहीं अनुसंधान के दौरान कई दस्तावेजों का संकलन करके पीडि़तों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। फिलहाल, जांच अंतिम चरण में है।
विधायक पति पर रहम क्यों
इस पूरे प्रकरण में पीडि़त लोगों ने जालोर विधायक अमृता मेघवाल के पति बाबूलाल मेघवाल व भाजपा जिला महामंत्री हीराराम जाखड़ पर भी चिटफंड कम्पनी संचालकों से सांठगांठ करने एवं राजनीतिक दबाव से मामले को दबाने का आरोप लगाया था। वहीं सायला थाने में प्रकरण दर्ज होने के तीन महीने बाद भी कार्रवाई नहीं होने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा पीडि़तों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर न्याय की मांग की थी। हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद जांच तो तेज हो गई। लेकिन फिलहाल इस मामले में सिर्फ उन लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई होने के कयास है, जिनके नाम ईनामी योजना के पेम्फलेट में थे। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आखिर पर्दे के पीछे से इस खेल को अंजाम दे रहे विधायक पति पर रहम क्यों दिखाया जा रहा है।
जल्द होगी गिरफ्तारी
अनुसंधान पत्रावली में पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए थे। परिवादियों की ओर से अभी साक्ष्य उपलब्ध कराए गए है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
– दुर्गसिंह राजपुरोहित, पुलिस उप अधीक्षक, जालोर