सांचौर बार एसोसिएशन से आई विधायक सुखराम के लिए अच्छी खबर, आप भी जानिए…
सांचौर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई के पुत्र के हिस्सेदारी वाली ममता डेयरी के खिलाफ डिस्कॉम विजिलेंस टीम की ओर से ५८ लाख की बिजली चोरी का प्रकरण बनाने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय से स्टे के बाद अब सांचौर बार एसोसिएशन भी विधायक के पक्ष में उठ खड़ा हुआ है। बार एसोसिएशन ने झूठी कार्यवाही करने वाले डिस्कॉम के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया है। साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस कार्यवाही में शामिल अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
बार एसोसिएशन सांचौर की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया गया है कि बार एसोसिएशन सांचौर के सदस्य व सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई के पुत्र की हिस्सेदारी वाली ममता डेयरी में विद्युत मीटर खराब होने पर आज से आठ-नौ माह पूर्व ही उन्होंने इसकी सूचना डिस्कॉम में दी थी। विभाग की ओर से प्रति माह एमआरआई की जाती है। मीटर खराबी की सूचना पर विभाग ने मीटर सीज कर सीलबंद हालात में जोधपुर सरकारी लैब में जांच करवाई, जिससे ममता डेयरी के प्रबंधन को अवगत कराया गया। जिसमें किसी प्रकार की मीटर के साथ छेडख़ानी होना नहीं पाया गया। तब विभाग ने मीटर पुन सीलबंद नहीं करके खुली हालात में एक्सईएन बाड़मेर के कार्यालय में स्टोर रूम में पटक दिया। फिर षडयंत्रपूर्वक आठ माह बाद विभाग ने उसी मीटर को ढूंढकर करतूत करके ममता डेयरी के व्यक्ति को कहा कि इस मीटर की उदयपुर जांच करवानी पड़ेगी, इसलिए आप साथ चलो। उसे वहां ले जाकर पेपर पर हस्ताक्षर कर छोड़ दिया। फिर विजिलेंस के कर्मचारियों ने आठ माह पुराने मीटर जो खुली हालत में उसके पास था। उप पर वीसीआर भर दी। इस दौरान डेयरी का कनेक्शन काटने लगे तो वहां लोगों की ओर से विरोध करने पर कनेक्शन नहीं काट पाए। फिर विधायक को ५८ लाख रुपए के लगभग की वीसीआर भर डाली। जो सरासर गलत व अवैध है। जबकि कनेक्शन के शुरुआत से लेकर नया मीटर लगाने व उसके बाद नए मीटर का बिल लगभग समान है। खराब मीटर की स्थिति में औसतन भेजा गया बिल भी अपेक्षाकृत ज्यादा है। पूर्व मीटर से मिलने वाला बिल की राशि नए मीटर से कम है। फिर भी उन्हें तंग करने के लिए कनेक्शन काटने का भी भरपूर प्रयास किया गया। इसके अलावा समाचार पत्रों में भी भारी मिथ्या प्रचार- प्रसार किया। जिस पर डिस्कॉम के बिजली कनेक्शन विच्छेद करने पर आमादा होने से ममता डेयरी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की शरण में जाना पड़ा। जहां प्रथम दिन ही मामला मिथ्या व विधि विरुद्ध पाने से पत्रावली आवश्यक प्रकृति की मानकर सुनवाई की गई। साथ ही डिस्कॉम की ओर से झूठा मामला बनाने के कारण इस प्रकरण को तत्काल सुनवाई कर स्थगन जारी किया। इस प्रकार एक अधिवक्ता व विधायक के साथ डिस्कॉम के अधिकारियों व कर्मचारियों एवं विजिलेंस द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया जो राजनीति से प्रेरित होकर किया गया। आम जनता के साथ डिस्कॉम की ओर से क्या सलूक किया जाता होगा। यह एक सोचने का विषय है। विधायक द्वारा पेश दस्तावेज देखकर बार के समस्त सदस्य आश्चर्यचकित रह गए तथा डिस्कॉम की ओर से किए गए गलत कृत्य की बार एसोसिएशन सांचौर ने कड़े शब्दों में निंदा कर सर्व सम्मति से निंदा प्रस्ताव किया। साथ ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हैं।