अनाथ बच्चियों के लिए कलेक्टर बने मसीहा
– आपणी बेटी योजना के तहत पाली जिला कलेक्टर ने ली दो अनाथ बेटियां गोद, दोनों को इंजीनियर बनाने की इच्छा जताई
पाली. जिले के मारवाड़ जंक्शन पंचायत समिति के भगवानपुरा गांव में रहने वाली 6 वर्षीय पूजा एवं 9 वर्षीय संतो के लिए जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम मसीहा बनकर आए। कलेक्टर ने इन दोनों बच्चियों की दयनीय स्थिति को देखकर गोद लेने की ईच्छा जताई तथा दोनों को पढ़ा लिखाकर इंजीनियर बनाने की भी बात कही तो उपस्थित ग्रामीण भी भावुक हो गए। वहीं पास में बैठी बच्चियों की 66 वर्षीय दादी जनता की आंखें खुशी से भर आईं। ग्रामीण भी कलेक्टर के इस जज्बे को सलाम करते नजर आए तथा काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अभिनन्दन भी किया।
हुआ यूं कि मारवाड़ जंक्शन पंचायत समिति के बिठूड़ा कलां गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में सोमवार को जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम की अध्यक्षता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया जा रहा था। चौपाल के दौरान बिठूड़ा कलां ग्राम पंचायत के भगवानपुरा राजस्व गांव की 66 वर्षीय जनता देवी पत्नी स्व. भीकनाथ अपने दो पौत्र एवं पोतियों को लेकर खड़ी हुई और मंच तक जा पहुंची। इस दौरान उसने कलेक्टर को अपनी पीड़ा बताई। बेवा महिला की स्थिति को देखकर कलेक्टर स्वयं भावुक हो गए। कलेक्टर ने उसकी हर समस्या के समाधान के लिए आश्वस्त किया। जनता देवी के साथ आई दो पौत्री, जिनमें से नौ वर्षीय संतो तीसरी कक्षा में पढ़ती है तथा दूसरी छह वर्षीय पूजा जो कक्षा 2 में पढ़ती है, को देखकर कलेक्टर कुमारपाल गौतम से भी रहा नहीं गया। उन्होंने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. शेखावत से चर्चा कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पाली जिले में संचालित की जा रही आपणी बेटी योजना के तहत इन दोनों बच्चियों को ग्रामीणों के समक्ष गोद लेकर पढ़ा लिखाकर इंजीनियर बनाने की बात कही। ये बात सुनकर ग्रामीण स्वयं आश्चर्यचकित हो गए और पास खड़ी इन बच्चियों की दादी की भी आंखों में आंसू आ गए।
जिला कलेक्टर ने इन दोनों बच्चियों को बुधवार को पाली में अपने कक्ष में बुलाकर बैठाया तथा इन्हें नए कपड़े, जूते, बस्ता एवं समस्त प्रकार की शिक्षण सामग्री आदि दिलाकर अपने गांव भगवानपुरा विशेष वाहन से भिजवाया। गांव में इन दोनों बच्चियों को नए परिधान में देख कर गांव के सभी लोग जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम की प्रशंसा करते नजर आए। इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी सौरभ स्वामी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. शेखावत, आपणी बेटी योजना के समन्वयक के.सी. सैनी, भगवानपुरा गांव के सरपंच मीठाराम वैष्णव, ग्रुप सचिव कैलाश मीणा, रोजगार सहायक कानाराम, महिला एवं बाल विकास विभाग की साथिन श्रीमती इन्द्रा वैष्णव, एएनएम रेखा कुमारी, जिला कलक्टर के निजी सचिव ईश्वरचंद पारीक, आईईसी समन्वयक नन्दलाल शर्मा एवं कलेक्ट्रेट के कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर उनके लिए भगवान से कम नहींः जनता देवी
इन बच्चियों की दादी जनता देवी ने बताया कि राम रूठ जाता है तो क्या राज पर तो पूरा भरोसा है। उनके लिए राम रूठ गया तो क्या राज यानी जिला कलेक्टर आज उसके लिए किसी भगवान से कम नहीं है। जिला कलेक्टर ने दोनों पोतियों को गोद लेकर जो बीड़ा उठाया है, उससे मेरा आत्म विश्वास बढ़ा है और बच्चियों का लालन-पालन और अच्छी तरह से कर सकूंगी। वह बताती है कुछ उसके बेटे जेठनाथ की शादी सोजत निवासी कमला के साथ हुई थी तथा बाद में उसके बेटे की हत्या हो गई । उसके बाद जेठनाथ की पत्नि कमला ने भी अपने दो बेटे मांगीलाल, भूराराम, पुत्री संतो व पूजा को छोड़कर अन्य स्थान पर शादी कर ली। डेढ़ वर्ष पहले ही आग लगने से उनकी झोपड़ी जलकर राख हो गई थी। तब से वे खुले आसमान के नीचे ही जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में थोड़ी मदद भी उनके लिए बहुत बड़ा सहारा है। वे कहती हैं कि उनकी पोतियों के लिये अब उसे चिंता नहीं है, क्योंकि कलक्टर साहब ने उन दो बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी ले ली है।
गांव वाले भी पहचान नहीं पाए
पाली कलेक्टर कुमारपाल ने इन दोनों बच्चियों को नए कपड़े, बस्ते दिलाकर वापस पाली से भगवानपुरा अपने गांव भेजा। जहां ग्रामीण दोनों बच्चियों को पहचान ही नहीं पाए। उनकी दादी की आंखों में आंसू छलक रहे थे। इस दौरान सरपंच, ग्राम सेवक, रोजगार सहायक एवं एएनएम ने जब जिला कलेक्टर के अपनत्व के बारे में ग्रामीणों को बताया तो ग्रामीणों में भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पांच सौ बेटियां गोद ली जाएगी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. शेखावत ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार इसी माह के अंत तक पाली जिले की लगभग 500 बेटियों को और गोद लिया जाएगा। साथ ही उनकी शिक्षा दीक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के समस्त जिला स्तरीय एवं उप जिला स्तरीय समस्त सरकारी कार्यालयों को एक एक बेटी गोद दी जाएगी। इसी तरह जिला इन्जीनियर्स फोरम को 25 बेटियां गोद दी जाएंगी। जिले की समस्त सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों को भी एक एक बेटी गोद दी जाएगी। इस तरह इस माह में ही लगभग 500 बेटियां गोद दी जाएंगी। एन.एच.ए.आई. द्वारा संचालित किए जा रहे पाली जिले के सभी टोल बूथों को भी एक एक बेटी गोद दी जाएगी।