चर्चित डांसर सपना चौधरी ने इसलिए किया था सुसाइड अटेम्पट, जानिए अब केस की स्थिति…

अर्थ न्यूज नेटवर्क


चर्चित डांसर सपना चौधरी ने गत साल सितम्बर महीने में जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने छह पन्नों का सुसाइड नोट भी छोड़ा था। सुसाइड अटेम्पट के समय कई तरह की बातों को लेकर चर्चाओं का दौर था, लेकिन धीरे-धीरे इस पूरे मामले की तस्वीर साफ होने लगी है।

 

 

दरअसल, सपना चौधरी की ओर से छोड़े गए सुसाइड नोट में सतपाल तंवर नाम के व्यक्ति का जिक्र था। सुसाइड नोट में लिखा था सतपाल तंवर नाम का व्यक्ति उसके खिलफ साजिश रच रहा है। उसकी ओर से सोशल मीडिया पर लिखी गई बातों से वह परेशान थी। इसी वजह से उसे आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस बीच, सतपाल तंवर ने सपना चौधरी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी, जिसमें बताया था कि सपना की ओर से गाई गई रागिनी से एससी-एसटी वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके बाद सतपाल तंवर पर कुछ लोगों ने हमला भी किया था।

अब यह है केस की स्थिति

डांसर सपना चौधरी ने उसके खिलाफ गुरुग्राम में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराई गई एफआईआर खारिज करने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सपना ने याचिका में कहा कि यह रागिनी कई लोक गायक पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जा रही है। इस मामले में उन्हें टारगेट किया जा रहा है और उनका किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। याचिका गुरुवार को कोर्ट ने स्वीकार कर ली। पूर्व में हाईकोर्ट ने इस मामले में सपना की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी जबकि अब अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है।

 

 

यह है पूरा मामला

सेक्टर 29 थाना क्षेत्र के चकरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सपना चौधरी ने रागिनी पेश की थी। इस मामले में खांडसा के रहने वाले सतपाल तंवर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने बताया था कि सपना की ओर से गाई गई रागिनी से एससी एसटी वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। शिकायतकर्ता की तरफ से कहा गया कि एससी एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। कोर्ट में जिरह के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि रागिनी गाते समय सपना ने भोली शब्द की जगह बावली शब्द का प्रयोग किया है जोकि मूल रागिनी में नहीं है। यह एक नेगेटिव इंप्रेशन देने वाला शब्द है। सपना की तरफ से वकील ने कोर्ट में कहा कि भोली व बावली शब्द का अर्थ एक जैसा ही है इसलिए शब्द का गलत अर्थ निकालकर केस दर्ज करना जल्दबाजी है।

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