जवाई नदी में छोड़ा जा रहा है इस बार का सबसे कम पानी, जानिए फायदे और नुकसान…
जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क
अच्छी बारिश और सेई बांध के ओवरफ्लो से लगातार पानी की आवक के चलते इस बार जवाई बांध का गेज 60.40 फीट तक पहुंच गया। इसके बाद गत 28 जुलाई को जवाई बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई। बीस दिन से लगातार नदी में पानी का बहाव जारी है। लेकिन इससे बहाव क्षेत्र के किनारे स्थित गांवों के लोगों में खुशी है। इधर, गुरुवार को बांध का एक गेट महज तीन इंच तक खुला रखकर पानी की निकासी की जा रही है, जो इस बार छोड़े गए पानी में सबसे कम है।
गौरतलब है कि गत 28 जुलाई को सबसे पहले बांध का गेज 59.65 फीट होने पर चार सौ क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। बाद में रात के समय बांध का गेज 60.40 फीट होने पर ग्यारह गेट खोलकर 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। रात को ही गेज कंट्रोल होने पर पानी की निकासी में कमी की गई। इसके बाद लगातार पानी की निकासी घटाई जाती रही। ल संसाधन विभाग के निर्देशानुसार बांध का गेज 58.50 फीट कंट्रोल रखकर पानी की निकासी की जाती रही। लेकिन जल ग्रहण क्षेत्र में बारिश का दौर थमते ही विभाग ने पानी की आवक के अनुरूप निकासी में कटौती कर दी है। फिलहाल, बांध का गेज 58.65 फीट बना हुआ है, जबकि बांध के एक गेट को तीन इंच तक खुला रखकर 240 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इसके उलट इस बार शुरुआत में 400 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई थी। इधर, बांध में वर्तमान में 879 क्यूसेक पानी की आवक जारी है।
जालोर के लोगों को होगा यह फायदा
जल संसाधन विभाग की ओर से बांध से पानी की निकासी में काफी कटौती की गई है। इसके बावजूद नदी में इसके अनुरूप पानी का बहाव ज्यादा है। इसकी वजह बहाव के आसपास के क्षेत्रों में इस बार इसी बारिश को बताया जा रहा है। जानकारों की मानें तो यह अतिरिक्त पानी पहाडिय़ों से रिस कर आ रहा है। यही कारण है नदी में पानी की कम निकासी के बावजूद पानी का बहाव ठीक है। विभाग की ओर से अगर नदी में थोड़ा-थोड़ा करते हुए लम्बे समय तक पानी की निकासी की जाती है तो इससे सुमेरपुर क्षेत्र के साथ ही जालोर जिले में नदी के बहाव क्षेत्र के आसपास स्थिति गांवों में भूजल स्तर सुधरने के साथ ही पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष 2016 में भी लगातार पौने दो महीने तक नदी में पानी का बहाव रहा था। इससे कुओं का जलस्तर बढ़ा था। वहीं पानी में फ्लोराइड का असर भी कम हुआ था।
काश प्लानिंग से होती पानी की निकासी
यह तो गनीमत है कि इस बार बारिश अच्छी होने की वजह से जवाई नदी में पानी का बहाव हुआ है। वरना विभागीय अधिकारियों की चलती तो नदी में पानी का कतरा तक नहीं आता। आहोर विधायक की ओर से बार-बार अवगत करवाने के बावजूद नदी में महज 400 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। जबकि रात में अतिवृष्टि के कारण अचानक गेज बढऩे से आनन-फानन में 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। ऐसे में एक ही रात में इस पानी की बर्बादी हो गई। विभागीय अधिकारी अगर इस बारे में सचिवालय तक सही संवाद कायम कर स्थितियों से वाकिफ करवाते तो शायद इस पानी से जवाई नदी में लगातार दो महीने तक पानी की निकासी संभव थी। लेकिन प्लानिंग के अभाव में जहां इससे पानी से जालोर के लोगों को वंचित रहना पड़ा। वहीं इस पानी के कारण से दो जगह पुलिया टूटने के कारण सरकारी धन की हानि भी हुई।