दुर्गादास जयंती समारोह में उमड़े सैकड़ों लोग, वक्ताओं ने दी क्षात्रधर्म पालन की सीख

सायला @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक देवी सिंह माडपुरा ने कहा कि दुर्गादास राठौड़ ने अपने जीवन के दौरान सामाजिक भाव को पनपाते हुए क्षात्रधर्म पालन के लिए सभी को एक अवसर प्रदान किया कि मानव मात्र उसका अनुसरण करते हुए त्याग और तपस्या पर चलें। हमारा अध्यात्म पक्ष इतना मजबूत था कि धर्म की ध्वजा को कायम रखने में आज अहम हैं। सत, त्रेता व द्वापर युग में क्षात्रधर्म का पालन कठिन नहीं था, लेकिन कलियुग के दौर में भी दुर्गादास राठौड़ ने क्षात्रधर्म पालन पर चलते हुए क्षत्रिय जाति को एक आदर्श समाज चरित्र का उदाहरण दिया हैं। वे रविवार को जीवाणा के बायोसा मंदिर में आयोजित दुर्गादास जयंती समारोह को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।

 

 

उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति, बाहरी षड्यंत्र और विपरित परिस्थितियों ने संस्कारों को नष्ट करने का प्रयास किया हैं। तदुपरांत आज संस्कार की दृष्टि क्षत्रियवृत्ति पर ही हैं कि वह आगे आकर संस्कारों को पुष्पीत करनें में सहयोग करें। इन्ही संस्कारों व दुर्गादास के चरित्र को सभी में आरोपित करने का कार्य क्षत्रिय युवक संघ कर रहा हैं। आवश्यकता रहेगी की हम सभी इस मार्ग को समझकर इस पर चलने का तपस्यापूर्ण अभ्यास शुरू करें। मंगलाचारण व प्रार्थना से प्रारम्भ हुए समारोह में वरिया मठ के नारायण भारती महाराज ने गीता को इंगित करते हुए दुर्गादास की तुलना तनसिंह से की। उन्होंने बताया कि जीवनभर रूखी रोटी खाकर धर्म और समाज के साथ चलकर क्षत्रियत्व का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। आज भी हमें उन्हीं के जीवन के अंश कर्मों को अपने जीवन में उतारना होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ. समरजीत सिंह ने कहा कि युवाओं को आगे आकर समाज व चरित्र को उज्ज्वल बनाने के लिए अग्रणी बनना होगा।

 

 

उन्होने संघ के कार्यों को सभी के लिए करणीय बताते हुए संघ रीति के पालन का संदेश दिया। वहीं जालोर उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने लोकतांत्रिक प्रणाली को समझने व शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ एकजुटता की बात कही। युवाओं को आरक्षण प्रणाली में भी सक्षम बनने के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि प्रतिकूलता में ही व्यक्तित्व का निखार आता हैं। जिला परिषद सदस्य मंगलसिंह सिराणा ने सभी गांवों में क्षत्रिय युवक संघ की शाखा व शिक्षा की जरूरत बताते हुए दगऱ्ादासजी के पदचिन्हों का अनुकरण करने की बात कही।

क्षत्रिय युवक संघ के सायला मंडल प्रमुख दीपसिंह दूदवा ने कार्यक्रम के दौरान दुर्गादास के जीवन का संक्षिप्त परिचय देते हुए विभिन्न प्रकरणों से शिक्षा की अपील की। क्षत्रिय युवक संघ संस्थापक तनसिंह द्वारा लिखित प्रकरण क्षिप्रा के तीर का संभाग प्रमुख अर्जुनसिंह देलदरी ने पठन किया, भावपूर्वक पठन से दुर्गादास के जीवन का चित्र पटल उपस्थित पांडाल को भावुक कर गया। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन गणपत सिंह भंवराणी ने कीया।

कार्यक्रम में भवानीसिंह बाकरा, आहोर प्रधान राजेश्वरी कंवर, पोषाणा सरपंच परबतसिंह राठौड, भीमसिंह बावतरा, छैलसिंह जीवाणा, उत्तमसिंह जीवाणा, भवानीसिंह भटाणा, राजवीरसिंह नोसरा, केसरसिंह दीवान्दी, नरेन्द्रसिंह तिलोडा, रामसिंह आसाणा, मनोहरसिंह खारी, डॉ. गणपतसिंह सराणा, रेवन्तसिंह राउता, शैलेन्द्र सिंह बावतरा दौलतसिंह धवेचा, समुन्द्र सिंह देता, दलपत सिंह थलवाड, राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के छगन लाल, रामराराम चौधरी, रमेश मेघवाल, शांतिलाल दवे, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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