जवाई बांध के छह गेट से हो रही पानी की निकासी, कई गांवों के लोग प्रभावित

जालोर @ अर्थ न्यूज नेटवर्क


जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में शुक्रवार को भारी बारिश के शुक्रवार को रातभर नदी उफान पर रही। लेकिन सुबह होते ही ग्यारह में से आठ गेट बंद करके तीन कर दिए गए। इसके बाद दोपहर तीन बजे तक छह गेट खोलकर 22843 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। इसके बाद नदी में फिर से पानी की बढ़ोतरी होने लगी है।
जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार दोपहर तीन बजे बांध का गेज 59.10 फीट बना हुआ था। वहीं बांध में जल उपलब्धता 6776 एमसीएफटी थी। इस दौरान बांध के छह गेट खोलकर 22843 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। वहीं बांध में फिलहाल, लगभग इतने ही पानी की आवक जारी है। तो दूसरी तरफ जवाई बांध के जलग्रहण क्षेत्र में शनिवार को भी बारिश जारी रही। वहीं सेई बांध के ओवरफ्लो से पानी की आवक लगातार जारी है।

 

 

इससे पहले यह रही स्थिति

रात एक बजे तक गेज 60.40 फीट पहुंचने के साथ ही 11 गेट खोलकर 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। इससे एक बारगी नदी के प्रवाह क्षेत्र के लोगों के लिए खतरे की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन रात को गेज कंट्रोल होने के साथ ही पानी में भी लगातार कमी जाती रही। शनिवार सुबह सात बजे तक बांध का गेज 59 फीट होते ही तीन गेट दो-दो फीट खुले रखे गए। सुबह आठ बजे दो गेट दो-दो फीट एवं एक गेट एक फीट खुला रखा गया। इससे 5586 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी। इसके बाद नौ बजे पानी की निकासी में फिर से बढ़ोतरी की गई। तीन में एक गेट को तीन फीट करके 6223 क्यूसेक पानी की निकासी की जाने लगी। दस बजे तीनों गेट तीन-तीन फीट करके 10213 क्यूसेक पानी की निकासी की जाने लगी। ग्यारह बजे तक चार गेट खोलकर 14423 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं बारह बजे पांच गेट खोलकर 18633 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। इसके बाद दोपहर तीन बजे छह गेट खोलकर 22843 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। फिलहाल, जल संसाधन विभाग की ओर से बांध में आवक के अनुसार पानी की निकासी कर गेज कंट्रोल 59.10 फीट रखा गया है।

अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता

गत साल जवाई सलाहकार समिति में शामिल सदस्य शंकरलाल परमार की दूरदर्शिता के चलते 58 फीट पर पानी की निकासी शुरू कर दी गई। उन्होंने पानी की आवक और निकासी के बीच तालमेल बनाए रखा। यही कारण था कि नदी में पौने दो महीने तक लगातार पानी का बहाव हुआ। इससे जालोर जिले के कई गांवों में भूजल स्तर में काफी सुधार है। लेकिन वर्तमान में मौजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारी ना केवल अदूरदर्शी है, बल्कि वे इस पानी से जालोर की जनता के साथ प्रयोग करने पर तुले हैं। यह तो अच्छी बात है कि इस बार बारिश खूब हुई और जवाई बांध में पानी की भरपूर आवक हुई। अगर बारिश नहीं होती तो इनको सालभर निठल्ले बैठना पड़ता। लेकिन विड़ंबना तो यह है कि पानी की आवक जारी रहने के बावजूद कठपुतली अधिकारी बांध के छलकने का इंतजार करते रहे। आहोर के विधायक शंकरसिंह कई दिनों से इन अधिकारियों के सम्पर्क थे और 58 फीट पर पानी की निकासी की बात कहते रहे, लेकिन पद में मगरूर और स्वविवेक के अभाव में यह अधिकारी पानी के संग्रहण को अपनी सबसे बड़े सफलता मानने लगे। इसके बाद जब हालात बिगडऩे लगे तो इन्होंने एक साथ इतने पानी की निकासी शुरू कर दी।

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