राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले भंवरी हत्याकांड में एक बड़ी कामयाबी
जयपुर
राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले में एटीएस ने छह साल से फरार इन्द्रा विश्नोई को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पर 5 लाख रुपए का भी ईनाम था। बाद में एटीएस ने आरोपी इन्द्रा को सीबीआई के हवाले कर दिया। इस पुष्टि एटीएस एसओजी एडीजी उमेश मिश्रा ने की।
इन्द्रा भंवरी हत्या के मामले में पिछले करीब छह साल से फरार थी। जोधपुर एटीएस ने इनामी इन्द्रा विश्नोई को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। वह 2011 से फरार थी और कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। सीबीआई ने भी इन्द्रा के खिलाफ 2012 में वारंट जारी किए थे। साथ ही उस पर 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
गौरतलब है कि इन्द्रा न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे पूर्व विधायक मलखान की बहन है। भंवरी देवी हत्याकांड में इन्द्रा मुख्य सूत्रधार है। इस मामले में अभी तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मलखान के साथ ही पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और परसराम विश्नोई फिलहाल जेल में है।
इंद्रा को पहचानना भी मुश्किल हो चुका था
भंवरी देवी हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्रा विश्नोई की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। इंद्रा के गिरफ्त में आने से इस मामले से जुड़ी कई और परतें खुल सकती हैं। दरअसल, इंद्रा को देवास से गिरफ्तार किया गया है। जहां पर वो नर्मदा नदी के तट के नजदीक रह रही थी। इंद्रा का परिवार काफी संपन्न है, लेकिन एटीएस की गिरफ्त में आई इंद्रा गरीबी की जिंदगी जी रही थी। यहां तक कि न उसके पास कोई मोबाइल था और न ही एटीएम कार्ड। माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए उसने ये रूप धरा था। इंद्रा को शरण देने वाला परिवार उससे परिचित था। जानकारी के मुताबिक यह परिवार करीब 50 साल पहले आकर देवास में बसा था। इन्द्रा के परिवार से ये काफी अच्छी तरह से परिचित था और यही कारण था कि इन्द्रा इनके पास जाकर रहने लगी थी।
यूं मिली इंद्रा की सूचना
उदयपुर की एटीएस चौकी को इन्द्रा के देवास में होने की सूचना मिली। करीब दो महीने तक अलग-अलग टीमें उसकी तलाश में जुटी रही। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक गरीबी में जीवन यापन करने के कारण और इंद्रा की काफी वक्त पहले की फोटो होने के कारण पहचान नहीं हो पा रही थी।